Thursday, November 5, 2015

Book Kaam kala ke 2100 tips

जैसा की ग्रुप के सम्मानित सदस्यों को बताया जा चुका है कि एक नवंम्बर से हम हेल्थ टुडे में जानकारियों की एक श्रंखला प्रारंभ कर रहे है इसी क्रम में हमने १ नवम्बर से १५ नवम्बर तक सेक्स एजुकेशन विषय पर जानकारी प्रारंभ की है| वास्तव में हमने चिकित्सा शिविर के दौरान ७५ प्रतिशत लोगों को सेक्स समस्या से जूझते पाया है| दुःख की बात ये नजर आई की बड़े से बड़ा पढ़ा लिखा समझदार व्यक्ति भी इश्तिहारी नीम हकीम के जाल में फंसकर अपनी समस्या और बढ़ा लेता है| हम इस श्रंखला को सकारात्मक सोच के साथ प्रारंभ करना चाह रहे है| मै  दो विषय में अदिस्नातक (एम.डी.)हूँ| पंचकर्म एवं भूतविधा(मनोचिकित्सा/गृहचिकित्सा)| मनोचिकित्सा में मेरा एक विषय रहा मनुष्य में असामान्य सेक्स व्यवहार और रोग| इस अध्यन के दौरान मुझे बहुत कुछ जानकारी पता चली| इस ग्रुप में डाबर के निदेशक डॉ.दुर्गा प्रसाद भी है जो की वाजीकरण में अदिस्नातक है| वाजीकरण मतलब सेक्सोलोजिष्ट होना| अभी मेरे साथी चिकित्सकों ने महिला यौन अंगो के बारे में जानकारी प्रारंभ की है| मैंने सेक्स एजुकेशन पर हिंदी में एक पुस्तक लिखी है जिसका नाम है कामकला २१०० टिप्स यह पुस्तक राजा पॉकेट बुक्स ने प्रकाशित की है | इस पुस्तक के ५ एडिशन अब तक बिक चुके है | मैंने चिकित्सा के दौरान हमेशा ये पाया है की यौन रोग या सेक्स सम्बंधित समस्याएं केवल असामान्य सोच से उपजती है लेकिन लोग समाधान दवाओं में खोजते रहते है और सेक्स समस्या से जीवनपर्यंत जूझते रहते है| मैंने यह पाया है की ज्यादातर पुरुष कभी भी स्त्री के शरीर को और मन को समझ ही नहीं पाता है वह स्त्री को हमेशा अपने द्रष्टिकोण से देखता और तौलता रहता है| अब मै स्त्री शरीर में यौन संबंधों में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अंगों की जानकारी देता जिनका पयार्प्त ध्यान रख कर स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए यौन जीवन को अधिक दीर्घायु बनाये रख सकते है|⁠⁠

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